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Showing posts from June, 2012

kumar vishwas most famous muktak

A seed ascends around the turntable. K koi dewaana kehta he koi pagal samajhta he, Magar dharti ki becheni to bas badal samajta he, Me tujhse dur kesa hu tu mujh se dur kesi he, ye tera dil samajhta he ya mera dil samajhta he                                                                           - kumar vishwas

Kumar vishwas -agar tum nahi ayi in hindi

तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाऊँगा| साँस साथ छोडेगी, सुर सजा ना पाऊँगा| तान भावना की है, शब्द-शब्द दर्पण है, बाँसुरी चली आओ, होट का निमन्त्रण है| तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है , तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है| दूरियाँ समझती हैं दर्द कैसे सहना है? आँख लाख चाहे पर होठ को ना कहना है| औषधी चली आओ, चोट का निमन्त्रण है, बाँसुरी चली आओ होठ का निमन्त्रण है| तुम अलग हुयीं मुझसे साँस की खताओं से, भूख की दलीलों से, वक़्त की सजाओं ने| रात की उदासी को, आँसुओं ने झेला है, कुछ गलत ना कर बैठे मन बहुत अकेला है| कंचनी कसौटी को खोट ना निमन्त्रण है| बाँसुरी चली आओ होठ का निमन्त्रण है| 

Kumar vishwas sab tamannae ho puri in hindi by kumar vishwas

सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहे चाहता वो है, मुहब्बत मे नुमाइश भी रहे आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत से और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे मुझको मालूम है मेरा है वो मै उसका हूँ उसकी चाहत है की रस्मों की ये बंदिश भी रहे मौसमों मे रहे 'विश्वास' के कुछ ऐसे रिश्ते कुछ अदावत भी रहे थोडी नवाज़िश भी रहे

Kumar vishwas he naman unko in hindi

है नमन उनको की जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं है नमन उनको की जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पडे पर आसमानी हो गये हैं है नमन उस देहरी पको जिस पर तुम खेले कन्हैया घर तुम्हारे परम तप की राजधानी हो गये हैं है नमन उनको की जिनके सामने बौना हिमालय .... हमने भेजे हैं सिकन्दर सिर झुकाए मात खाऐ हमसे भिडते हैं हैं वो जिनका मन धरा से भर गया है नर्क में तुम पूछना अपने बुजुर्गों से कभी भी सिंह के दांतों से गिनती सीखने वालों के आगे शीश देने की कला में क्या गजब है क्या नया है जूझना यमराज से आदत पुरानी है हमारी उत्तरों की खोज में फिर एक नचिकेता गया है है नमन उनको की जिनकी अग्नि से हारा प्रभंजन काल कऔतुक जिनके आगे पानी पानी हो गये हैं है नमन उनको की जिनके सामने बोना हिमालय जो धरा पर गिर पडे पर आसमानी हो गये हैं लिख चुकी है विधि तुम्हारी वीरता के पुण्य लेखे विजय के उदघोष, गीता के कथन तुमको नमन है राखियों की प्रतीक्षा , सिन्दूरदानों की व्यथाऒं देशहित प्रतिबद्ध यौवन कै सपन तुमको नमन है बहन के विश्वास...

Kumar vishwas pita ki yaad in hindi

फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ फिर पिता की याद आई है मुझे नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे चारपाई डाल आँगन बीच लेटे सोचते हैं हित सदा उनके घरों का दूर है जो एक बेटी चार बेटे फिर कोई रख हाथ काँधे पर कहीं यह पूछता है- "क्यूँ अकेला हूँ भरी इस भीड मे" मै रो पडा हूँ फिर पिता की याद आई है मुझे फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ

Kumar vishwas ye wahi purani rahe he in hindi

चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं कुछ तुम भूली कुछ मै भूला मंज़िल फिर से आसान हुई हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई आँखों ने पुनः पढी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं तुमने शाने पर सिर रखकर, जब देखा फिर से एक बार जुड गया पुरानी वीणा का, जो टूट गया था एक तार फिर वही साज़ धडकन वाला फिर वही मिलन के गाने हैं चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं आओ हम दोनो की सांसों का एक वही आधार रहे सपने, उम्मीदें, प्यास मिटे, बस प्यार रहे बस प्यार रहे बस प्यार अमर है दुनिया मे सब रिश्ते आने-जाने हैं चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों मे सपन सुहाने हैं

Kumar vishwas tumhe adhikaar dunga in hindi

मैं तुम्हे अधिकार दूँगा एक अनसूंघे सुमन की गन्ध सा मैं अपरिमित प्यार दूँगा मैं तुम्हे अधिकार दूँगा सत्य मेरे जानने का गीत अपने मानने का कुछ सजल भ्रम पालने का मैं सबल आधार दूँगा मैं तुम्हे अधिकार दूँगा ईश को देती चुनौती, वारती शत-स्वर्ण मोती अर्चना की शुभ्र ज्योति मैं तुम्ही पर वार दूँगा मैं तुम्हे अधिकार दूँगा तुम कि ज्यों भागीरथी जल सार जीवन का कोई पल क्षीर सागर का कमल दल क्या अनघ उपहार दूँगा मै तुम्हे अधिकार दूँगा

me tumhe dhudhne in hindi

मैं तुम्हें ढूँढने स्वर्ग के द्वार तक  रोज आता रहा, रोज जाता रहा तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा  जिन्दगी के सभी रास्ते एक थे  सबकी मंजिल तुम्हारे चयन तक गई  अप्रकाशित रहे पीर के उपनिषद्  मन की गोपन कथाएँ नयन तक रहीं  प्राण के पृष्ठ पर गीत की अल्पना  तुम मिटाती रही मैं बनाता रहा तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई  मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा  एक खामोश हलचल बनी जिन्दगी  गहरा ठहरा जल बनी जिन्दगी  तुम बिना जैसे महलों में बीता हुआ  उर्मिला का कोई पल बनी जिन्दगी  दृष्टि आकाश में आस का एक दिया  तुम बुझती रही, मैं जलाता रहा  तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई  मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा  तुम चली गई तो मन अकेला हुआ  सारी यादों का पुरजोर मेला हुआ  कब भी लौटी नई खुशबुओं में सजी  मन भी बेला हुआ तन भी बेला हुआ  खुद के आघात पर व्यर्थ की बात पर  रूठती तुम रही मैं मानता रहा  तुम ग़ज़ल बन गई, गीत में ढल गई मंच से में तुम्हें गुनगुनाता रहा मैं तुम्हें ढूँ...

me kavi hu in hindi

सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी होंगी हर विवश आँख के आँसू को यूँ ही हँस हँस पीना होगा मै कवि हूँ जब तक पीडा है तब तक मुझको जीना होगा मनमोहन के आकर्षण मे भूली भटकी राधाऒं की हर अभिशापित वैदेही को पथ मे मिलती बाधाऒं की दे प्राण देह का मोह छुडाने वाली हाडा रानी की मीराऒं की आँखों से झरते गंगाजल से पानी की मुझको ही कथा सँजोनी है, मुझको ही व्यथा पिरोनी है स्मृतियाँ घाव भले ही दें मुझको उनको सीना होगा मै कवि हूँ जब तक पीडा है तब तक मुझको जीना होगा जो सूरज को पिघलाती है व्याकुल उन साँसों को देखूँ या सतरंगी परिधानों पर मिटती इन प्यासों को देखूँ देखूँ आँसू की कीमत पर मुस्कानों के सौदे होते या फूलों के हित औरों के पथ मे देखूँ काँटे बोते इन द्रौपदियों के चीरों से हर क्रौंच-वधिक के तीरों से सारा जग बच जाएगा पर छलनी मेरा सीना होगा मै कवि हूँ जब तक पीडा है तब तक मुझको जीना होगा कलरव ने सूनापन सौंपा मुझको अभाव से भाव मिले पीडाऒं से मुस्कान मिली हँसते फूलों से घाव मिले सरिताऒं की मन्थर गति ...

baddiyo gagariya bhar de in hindi

बादड़ियो गगरिया भर दे बादड़ियो गगरिया भर दे प्यासे तन-मन-जीवन को इस बार तो तू तर कर दे बादड़ियो गगरिया भर दे अंबर से अमृत बरसे  तू बैठ महल मे तरसे प्यासा ही मर जाएगा बाहर तो आजा घर से इस बार समन्दर अपना बूँदों के हवाले कर दे बादड़ियो गगरिया भर दे सबकी अरदास पता है  रब को सब खास पता है जो पानी मे घुल जाए बस उसको प्यास पता है बूँदों की लड़ी बिखरा दे आँगन मे उजाले कर दे बादड़ियो गगरिया भर दे बादड़ियो गगरिया भर दे प्यासे तन-मन-जीवन को इस बार तू तर कर दे बादड़ियो गगरिया भर दे

suraj par pratibandh aneko in hindi

सूरज पर प्रतिबंध अनेकों और भरोसा रातों पर नयन हमारे सीख रहे हैं हँसना झूठी बातों पर हमने जीवन की चौसर पर दाँव लगाए आँसू वाले कुछ लोगो ने हर पल, हर दिन मौके देखे बदले पाले हम शंकित सच पा अपने, वे मुग्ध स्वँय की घातों पर नयन हमारे सीख रहे हैं हँसना झूठी बातों पर हम तक आकर लौट गई हैं मौसम की बेशर्म कृपाएँ हमने सेहरे के संग बाँधी अपनी सब मासूम खताएँ हमने कभी न रखा स्वयँ को अवसर के अनुपातों पर नयन हमारे सीख रहे हैं हँसना झूठी बातों पर

unki khero khabar nahi milti in hindi

उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती हमको ही खासकर नही मिलती शायरी को नज़र नही मिलती मुझको तू ही अगर नही मिलती रूह मे, दिल में, जिस्म में, दुनिया ढूंढता हूँ मगर नही मिलती लोग कहते हैं रुह बिकती है मै जिधर हूँ उधर नही मिलती

आना तुम मेरे घर

आना तुम मेरे घर अधरों पर हास लिये तन-मन की धरती पर झर-झर-झर-झर-झरना साँसों मे प्रश्नों का आकुल आकाश लिये तुमको पथ में कुछ मर्यादाएँ रोकेंगी जानी-अनजानी सौ बाधाएँ रोकेंगी लेकिन तुम चन्दन सी, सुरभित कस्तूरी सी पावस की रिमझिम सी, मादक मजबूरी सी सारी बाधाएँ तज, बल खाती नदिया बन मेरे तट आना एक भीगा उल्लास लिये आना तुम मेरे घर अधरों पर हास लिये जब तुम आऒगी तो घर आँगन नाचेगा अनुबन्धित तन होगा लेकिन मन नाचेगा माँ के आशीषों-सी, भाभी की बिंदिया-सी बापू के चरणों-सी, बहना की निंदिया-सी कोमल-कोमल, श्यामल-श्यामल, अरूणिम-अरुणिम पायल की ध्वनियों में गुंजित मधुमास लिये आना तुम मेरे घर अधरों पर हास लिये

o mere pehle pyar in hindi

ओ प्रीत भरे संगीत भरे! ओ मेरे पहले प्यार ! मुझे तू याद न आया कर ओ शक्ति भरे अनुरक्ति भरे! नस नस के पहले ज्वार! मुझे तू याद न आया कर। पावस की प्रथम फुहारों से जिसने मुझको कुछ बोल दिये मेरे आँसु मुस्कानो की कीमत पर जिसने तोल दिये जिसने अहसास दिया मुझको मै अम्बर तक उठ सकता हूं जिसने खुदको बाँधा लेकिन मेरे सब बंधन खोल दिये ओ अनजाने आकर्षण से! ओ पावन मधुर समर्पण से! मेरे गीतों के सार मुझे तू याद न आया कर। मूझे पता चला मधुरे तू भी पागल बन रोती है, जो पीङा मेरे अंतर में तेरे दिल में भी होती है लेकिन इन बातों से किंचिंत भी अपना धैर्य नही खोना मेरे मन की सीपी में अब तक तेरे मन का मोती है, ओ सहज सरल पलकों वाले! ओ कुंचित घन अलकों वाले! हँसते गाते स्वीकार मुझे तू याद न आया कर। ओ मेरे पहले प्यार मुझे तू याद न आया कर

kumar vishwas muktak in hindi

बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तन चंदन इस धरती से उस अम्बर तक दो ही चीज़ गज़ब की है एक तो तेरा भोलापन है एक मेरा दीवानापन ||1|| जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल एक ऐसा इकतारा है, जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है. झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर, तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है ||2|| जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है , जो शीशे से पत्थर तोड़े , उसका नाम मोहब्बत है , कतरा कतरा सागर तक तो ,जाती है हर उमर मगर , बहता दरिया वापस मोड़े , उसका नाम मोहब्बत है ||3|| बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया हवाऒं के इशारों पर मगर मै बह नही पाया रहा है अनसुना और अनकहा ही प्यार का किस्सा कभी तुम सुन नही पायी कभी मै कह नही पाया ||4|| तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है समझता हूँ तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ तुम्हे मै भूल जाऊँगा ये मुमकिन है नही लेकिन तुम्ही को भूलना सबसे ज़रूरी है समझता हूँ ||5|| पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार करना क्या जो ...

bansuri tum chali aao in hindi

तुम अगर नही आई गीत गा न पाऊँगा साँस साथ छोडेगी, सुर सजा न पाऊँगा तान भावना की है शब्द-शब्द दर्पण है बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है तीर पार कान्हा से दूर राधिका-सी है रात की उदासी को याद संग खेला है कुछ गलत ना कर बैठें मन बहुत अकेला है औषधि चली आओ चोट का निमंत्रण है बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है तुम अलग हुई मुझसे साँस की ख़ताओं से भूख की दलीलों से वक्त की सज़ाओं से दूरियों को मालूम है दर्द कैसे सहना है आँख लाख चाहे पर होंठ से न कहना है कंचना कसौटी को खोट का निमंत्रण है बाँसुरी चली आओ, होंठ का निमंत्रण है

bhramar koi kumudni par in hindi

भ्रमर कोई कुमुदनी पर मचल बैठा तो हंगामा हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा अभी तक डूबकर सुनते थे सब किस्सा मुहब्बत का मैं किस्से को हकीकत में बदल बैठा तो हंगामा कभी कोई जो खुलकर हंस लिया दो पल तो हंगामा कोई ख़्वाबों में आकर बस लिया दो पल तो हंगामा मैं उससे दूर था तो शोर था साजिश है , साजिश है उसे बाहों में खुलकर कस लिया दो पल तो हंगामा जब आता है जीवन में खयालातों का हंगामा ये जज्बातों, मुलाकातों हंसी रातों का हंगामा जवानी के क़यामत दौर में यह सोचते हैं सब ये हंगामे की रातें हैं या है रातों का हंगामा कलम को खून में खुद के डुबोता हूँ तो हंगामा  गिरेबां अपना आंसू में भिगोता हूँ तो हंगामा  नही मुझ पर भी जो खुद की खबर वो है जमाने पर  मैं हंसता हूँ तो हंगामा, मैं रोता हूँ तो हंगामा इबारत से गुनाहों तक की मंजिल में है हंगामा ज़रा-सी पी के आये बस तो महफ़िल में है हंगामा कभी बचपन, जवानी और बुढापे में है हंगामा जेहन में है कभी तो फिर कभी दिल में है हंगामा हुए पैदा तो धरती पर हुआ आबाद हंगामा जवानी को हमारी कर गया बर्बाद हंगामा हमारे भाल पर तकदीर ने ये लिख दिया जैसे हमारे साम...

koi deewana kehta he in hindi

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है ! ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !! मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है ! कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !! यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं ! जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !! समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता ! यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !! मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले ! जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !! भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा! हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!! अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का! मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा!!  

Mujhe tu yaad na aya kar

o preet bhare sangeet bhare! o mere pehle pyaar! mujhe tu yaad na aya kar o shakti bhare anurikti bhare nas nas k pehle jwar  mujhe tu yaad na aya kar. pawas ki pratham fuharo se jisne mujhko kuch bol diya mere aansu muskano ki kimat par jisne tol diye jisne ehsas diya mujhko me amber tak uth sakta hu jisne khud ko bandha lekin mere sab bandhan khol diye o anjane aakarshan se o pawan madhur sampurn se mere geeto k saar mujhe tu yaad na aya kar mujhe pata chala tu bhi pagal ban roti he jo pida mere antar me tere dil me bhi hoti he lekin in bato se kinchit bhi apna dherya nahi khona mere mann ki sipi me ab tak mann ka moti he o sahaj saral palko wale o kunchit ghan alko wale haste gate sweekar mujhe tu yaad na aya kar  o mere pehle pyaar mujhe tu yaad na aya kar
Puraani kashti ko paar lekar, fakat hamaara hunar gaya hai Naye khewaiye kahin na samjhein, nadi ka paani utar gaya hai Tum hoshmandi ke oonche daawe, kissie munaasib jagah pe karte Ye maikda hai yahan se koi, kahin gaya bekhabar gaya hai Na khwaab baaki hain manzilon ke, na jaankaari hai rahgujar ki Fakir-man to bulandiyon ke shikhar pe jaakar thahar gaya hai Hua tajurba yahi safar mein, woh rail ka ho ke zindagi ka Agar mila bhi haseen manzar, palak jhapakte gujar gaya hai Udaas chehre ki jhurriyon ko, barasti aankhein bata rahi thi Hamaare sapnon ko sach banaane, jigar ka tukda shahar gaya hai ‘Uday’ ke baare mein kuchh na poochho, purani masti abhi jawa hai Ki bazm-e-yaara mein sab gujaari, pata nahin ab kidhar gaya hai

Phir basant ana he

Tufani lahrein ho, ambar ke pahre ho,   purva ke daman par daag bahut gahre ho,   sagar ke manjhi mat man ko tu haarna,   jiivan ke kram me jo khoya hai, paya hai,   Patjhad ka matlab hai phir basant aana hai…!! Rajvansh roothe to, Rajmukut toote to,   Sitapati-raam se raajmahal chhote to,   aasha mat haar, paar sagar ke ek baar,   patthar me praan phunk, setu phir banana hai,   Patjhad ka matlab hai phir basant aana hai…!!  Ghar bhar chahe chhode, suraj bhi muh mode,   vidur rahe maun, chhine rajya, swarnrath, ghode,   Maa ka bas pyar, saar geeta ka sath rahe,   Panchtatv sau par hai bhari, batlana hai,   Jeeban ka raajsuy yagy phir karana hai,   Patjhad ka matlab hai phir basant aana hai…!!

Me tumhe pyaar na de paunga

ओ कल्पव्रक्ष की सोनजुही.. ओ अमलताश की अमलकली. धरती के आतप से जलते.. मन पर छाई निर्मल बदली.. मैं तुमको मधुसदगन्ध युक्त संसार नहीं दे पाऊँगा तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा. तुम कल्पव्रक्ष का फूल और मैं धरती का अदना गायक तुम जीवन के उपभोग योग्य मैं नहीं स्वयं अपने लायक तुम नहीं अधूरी गजल सुभे तुम शाम गान सी पावन हो हिम शिखरों पर सहसा कौंधी बिजुरी सी तुम मनभावन हो. इसलिये व्यर्थ शब्दों वाला व्यापार नहीं दे पाऊँगा तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा तुम जिस शय्या पर शयन करो वह क्षीर सिन्धु सी पावन हो जिस आँगन की हो मौलश्री वह आँगन क्या व्रन्दावन हो जिन अधरों का चुम्बन पाओ वे अधर नहीं गंगातट हों जिसकी छाया बन साथ रहो वह व्यक्ति नहीं वंशीवट हो पर मैं वट जैसा सघन छाँह विस्तार नहीं दे पाऊँगा तुम मुझको करना माफ तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा मै तुमको चाँद सितारों का सौंपू उपहार भला कैसे मैं यायावर बंजारा साँधू सुर श्रंगार भला कैसे मैन जीवन के प्रश्नों से नाता तोड तुम्हारे साथ सुभे बारूद बिछी धरती पर कर लूँ दो पल प्यार भला कैसे...

pagli ladki by kavi shri vishwas kumar

amawas ki kali raato me jab dilka darwaja khulta he, jab dard si pyali raato me gum aansu k sang ghulta he, jab pichwade k kamre me hum nipat akele hote he, ghadiya tik tik chalti he sab sote he hum rote he, jab bar bar dohrane se sari yade chub jati he, jab uch nich samjhane me mathe ki nas dukh jati he, tab ik pagli ladki k bin jeena gaddari lagta he , aur us pagli ladki k bin marna bhi bhari lagta he. jab pothe khali hote he jab harf sawali hote he, jab gazalein raas nahi aati afsane gaali hote he, jab basi fiki dhup samete din jaldi dhal jata he, jab suraj ka lashkar  galiyaro me deer se jata he, jab jaldi ghar jane ki iccha man hi man ghut jati he, jab se ghar lane wali  pehli bus chut jati he, jab beman se khana khane par maa ghussa ho jati he, jab lakh mana karne par bhi paaro padhne aa jati he, jab apna manchaha har kaam koi lachari lagta he, tab ik pagli ladki k bin  jeena gaddari lagta he, aur us pagli ladki k bin  ma...
Baat uunchi thi magar baat jara kaam aanki Usne jajbaat ki aukaat jara kam aanki Wo farista keh kar mujhe jaleel karta raha Mai insaan hoon, meri jaat jara kam aanki Ek do din me wo ikraar kaha aayega Har subah ek hi akhbaar kaha aayega   Aaj bandha hai jo inn baaton me to bahal jayenge   Roj inn baahon ka tyohaar kaha aayega Jism ka aakhiri mehmaan bana baitha hoon   Ek ummid ka unvaan bana baitha hoon   Wo kahan hai ye hawaon ko bhi maloom hai magar   Ek bas mai hoon jo anjaan bana baitha hoon Kitni duniya hai mujhe zindagi dene wali   Aur ek khwab hai tera ki jo mar jata hai   Khud ko tarteeb se jodun to kaha se jodun   Meri mitti me jo tu hai ki bikhar jata hai Use yakeen tha khud pe ki bhool jayega,   Humein bhi dil pe bharosa tha, yaad rakhe hain.