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Chand ka kurta by Ramdhari Dinkar

 CHAND KA KURTA


HATH KAR BETHA CHAND EK DIN, MATA SE YEH BOLA,
"SILWA DO MAA, MUJHE  UUN KA EK MOTA HINGOLA,

SAN-SAN CHATI HAWA, RAAT BHAR JADE SE MARTA HU,
THITHOOR THITHOOR KAR KISI TARAH YATARA PURI KARTA HU,

AASMAAN KA SAFAR AUR YEH MAUSAM HE JADE KA,
NA HO AGAR TO LA DO, KURTA  HI KOI BHAI KA".

BACCHE KI SUN BAAT KAHA MATA NE, "ARE SALONE!
KUSHAL KARE BHAGWAN, LAGE MAT TUJHKO JADU -TONE.

JADE KI TOH BAAT THIK HE, PAR ME TOH DARTI HU.
EK NAAP ME KABHI NAHI TUJHKO DEKHA KARTI HU.

KABHI EK ANGULI BHAR CHODA, KABHI EK FOOT MOTA,
BADA KISI DIN HO JATA HE AUR KISI DIN CHOTA.

GHATTA-BADHTA ROJ, KISI DIN ESA BHI HE KARTA,
NAHI KISI KI BHI AAKHO KO DIKHLAYI PADTA HE.

AB TU HI TO BATA, NAAP TERA KIS ROJ LIWAYE,
SEE DE EK HINGOLA JO HAR DIN BADAN ME AAYE?".


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